॥ आरती देवी स्कन्दमाता जी की ॥
जय तेरी हो स्कन्द माता।पांचवां नाम तुम्हारा आता॥
सबके मन की जानन हारी।जग जननी सबकी महतारी॥
तेरी जोत जलाता रहूं मैं।हरदम तुझे ध्याता रहूं मै॥
कई नामों से तुझे पुकारा।मुझे एक है तेरा सहारा॥
कही पहाड़ों पर है डेरा।कई शहरों में तेरा बसेरा॥
हर मन्दिर में तेरे नजारे।गुण गाए तेरे भक्त प्यारे॥
भक्ति अपनी मुझे दिला दो।शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो॥
इन्द्र आदि देवता मिल सारे।करे पुकार तुम्हारे द्वारे॥
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।तू ही खण्ड हाथ उठाए॥
दासों को सदा बचाने आयी।भक्त की आस पुजाने आयी॥
******
- ये भी पढें – देवी चन्द्रघण्टा आरती Chandraghanta Mata Aarti
- ये भी पढें – श्री कुबेर आरती Shri Kuber Aarti
- ये भी पढें – अम्बे तू है जगदम्बे काली
- ये भी पढें – जय अम्बे गौरी, Jai Ambe Gauri Aarti
- ये भी पढें – ॐ जय जगदीश हरे आरती
- ये भी पढें – Maa Durga Aarti || मां दुर्गा जी की आरती
Skandamata Aarti को हमने ध्यान पूर्वक लिखा है, फिर भी इसमे किसी प्रकार की त्रुटि दिखे तो आप हमे Comment करके या फिर Swarn1508@gmail.com पर Email कर सकते है।