शनि कवच एक दिव्य वैदिक स्तोत्र है जो शनि देव की कृपा प्राप्त करने और उनके अशुभ प्रभावों से रक्षा करने हेतु पढ़ा जाता है। यह कवच विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या शनि दोष हो।
शनि देव न्याय के देवता हैं और कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। यदि उन्हें प्रसन्न कर लिया जाए, तो वे जीवन में उन्नति, स्थिरता और न्याय प्रदान करते हैं। पाठ करते समय मन को शांत और श्रद्धायुक्त, बिना किसी को नुकसान पहुँचाने की भावना से करें। शनि देव को खुश करने के लिए तिल, काले वस्त्र और दान करना भी श्रेष्ठ माना गया है।
दिव्य आशीर्वाद: नकारात्मक प्रभावों को दूर करने, सद्भाव को बढ़ावा देने और अपने जीवन और घर में शांति और समृद्धि लाने के लिए भगवान शनि का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ⇒ श्री शनि आइडल कवच यंत्र घर लाए और अपने घर मे शांति और समृद्धि लाए।
शनि कवच
अस्य श्री शनैश्चरकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, शनैश्चरो देवता , शीं शक्तिः ।
शूं कीलकम्, शनैश्चरप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः।।
नीलाम्बरो नीलवपु: किरीटी गृध्रस्थितत्रासकरो धनुष्मान् ।
चतुर्भुज: सूर्यसुत: प्रसन्न: सदा मम स्याद्वरद: प्रशान्त: ।।1।।
श्रृणुध्वमृषय: सर्वे शनिपीडाहरं महत् ।
कवचं शनिराजस्य सौरेरिदमनुत्तमम् ।।2।।
कवचं देवतावासं वज्रपंजरसंज्ञकम् ।
शनैश्चरप्रीतिकरं सर्वसौभाग्यदायकम् ।।3।।
ऊँ श्रीशनैश्चर: पातु भालं मे सूर्यनंदन: ।
नेत्रे छायात्मज: पातु कर्णो यमानुज: ।।4।।
नासां वैवस्वत: पातु मुखं मे भास्कर: सदा ।
स्निग्धकण्ठश्च मे कण्ठ भुजौ पातु महाभुज: ।।5।।
स्कन्धौ पातु शनिश्चैव करौ पातु शुभप्रद: ।
वक्ष: पातु यमभ्राता कुक्षिं पात्वसितस्थता ।।6।।
नाभिं गृहपति: पातु मन्द: पातु कटिं तथा ।
ऊरू ममाSन्तक: पातु यमो जानुयुगं तथा ।।7।।
पदौ मन्दगति: पातु सर्वांग पातु पिप्पल: ।
अंगोपांगानि सर्वाणि रक्षेन् मे सूर्यनन्दन: ।।8।।
इत्येतत् कवचं दिव्यं पठेत् सूर्यसुतस्य य: ।
न तस्य जायते पीडा प्रीतो भवन्ति सूर्यज: ।।9।।
व्ययजन्मद्वितीयस्थो मृत्युस्थानगतोSपि वा ।
कलत्रस्थो गतोवाSपि सुप्रीतस्तु सदा शनि: ।।10।।
अष्टमस्थे सूर्यसुते व्यये जन्मद्वितीयगे ।
कवचं पठते नित्यं न पीडा जायते क्वचित् ।।11।।
इत्येतत् कवचं दिव्यं सौरेर्यन्निर्मितं पुरा ।
जन्मलग्नस्थितान्दोषान् सर्वान्नाशयते प्रभु: ।।12।।
॥ इति शनि कवच संपूर्णं ॥
Shani Kavach Lyrics
Asya Shri Shanaischarakavachastotramantrasya Kashyap Rishih, Anushtup Chhandah, Shanaischaro Devta, Shim Shaktih ।
Shum Kilakam, Shanaischaraprityartham Jape Viniyogah ।।
Nilambaro Nilavapu: Kiriti Grudhrasthitatrasakaro Dhanushman ।
Chaturbhuj: Suryasut: Prasann: Sada Mam Syadvarad: Prashant: ।।1।।
Shrunudhvamrushaya: Sarve Shanipidaharam Mahat ।
Kavacham Shanirajasya Saureridamanuttamam ।।2।।
Kavacham Devtavasam Vajrapanjarasangnyakam ।
Shanaischarapritikaram Sarvasaubhagyadayakam ।।3।।
Um Shrishanaischar: Patu Bhalam Me Suryanandan: ।
Netre Chhayatmaj: Patu Karno Yamanuj: ।।4।।
Nasam Vaivasvat: Patu Mukham Me Bhaskar: Sada ।
Snigdhakanthasch Me Kanth Bhujau Patu Mahabhuj: ।।5।।
Skandhau Patu Shanischaiv Karau Patu Shubhaprad: ।
Vaksh: Patu Yamabhrata Kukshim Patvasitasthata ।।6।।
Nabhim Gruhapati: Patu Mand: Patu Katim Tatha ।
Uru Mamasntak: Patu Yamo Januyugam Tatha ।।7।।
Padau Mandagati: Patu Sarvang Patu Pippal: ।
Angopangani Sarvani Rakshen Me Suryanandan: ।।8।।
Ityetat Kavacham Divyam Pathet Suryasutasya Ya: ।
Na Tasya Jayate Pida Prito Bhavanti Suryaj: ।।9।।
Vyayajanmadvitiyastho Mrutyusthanagatospi Va ।
Kalatrastho Gatovaspi Supritastu Sada Shani: ।।10।।
Ashtamasthe Suryasute Vyaye Janmadvitiyage ।
Kavacham Pathate Nityam Na Pida Jayate Kvachit ।।11।।
Ityetat Kavacham Divyam Saureryannirmitam Pura ।
Janmalagnasthitandoshan Sarvannashayate Prabhu: ।।12।।
॥ Iti Shani Kavacham Sampurnam ॥
✅ शनि कवच के लाभ (Benefits of Shani Kavach):
शनि देव का आशीर्वाद अपने ऊपर बनाए रखने के लिए Nazar Dosh Suraksha Kavach ले और शनि दोष और साढ़ेसाती से राहत पाए।
शनि दोष और साढ़ेसाती से राहत:
जिनकी कुंडली में शनि अशुभ स्थान पर हो, उन्हें यह कवच शांति और संतुलन प्रदान करता है।कर्मों के दुष्प्रभाव से रक्षा:
यह कवच जीवन में किए गए गलत कर्मों के कारण आने वाली कठिनाइयों को कम करता है।न्याय, उन्नति और स्थिरता में सहायक:
शनि प्रसन्न होने पर व्यक्ति को नौकरी, व्यवसाय और जीवन में स्थायित्व प्रदान करते हैं।रोग और कष्टों से मुक्ति:
यह कवच शारीरिक और मानसिक रोगों को भी दूर करने में सहायक माना गया है।भय, दुर्घटना और शत्रु बाधा से रक्षा:
शनि कवच सुरक्षा कवच की भाँति कार्य करता है, जिससे व्यक्ति को अनिष्ट नहीं होता.
🧘 पाठ विधि (How to Recite Shani Kavach):
- शनिवार को प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
- शनि मंदिर में जाकर या घर में शनि मूर्ति/चित्र के सामने दीपक जलाएं।
- नीले फूल और तिल अर्पित करें।
- शांति से बैठकर शनि कवच का पाठ करें (1, 3 या 11 बार)।
- मंत्र: ॐ शं शनैश्चराय नमः का 108 बार जाप करें।
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