चंद्र कवचम् भगवान चंद्रमा की कृपा और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए एक प्रभावशाली स्तोत्र है। चंद्रमा मन, भावनाओं, मानसिक शांति, और जीवन की समृद्धि के देवता माने जाते हैं। चंद्र कवचम् का पाठ चंद्र ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने, मानसिक संतुलन, भावनात्मक स्थिरता, और जीवन में शांति लाने के लिए किया जाता है।
चन्द्र कवच
अथ चन्द्र कवचम्
शशी पातु शिरोदेशं भालं पातु कलानिधिः ।
चक्षुषी चन्द्रमाः पातु श्रुती पातु निशापतिः ॥1॥
प्राणं क्षपकरः पातु मुखं कुमुदबान्धवः ।
पातु कण्ठं च मे सोमः स्कन्धे जैवातृकस्तथा ॥2॥
करौ सुधाकरः पातु वक्षः पातु निशाकरः ।
हृदयं पातु मे चन्द्रो नाभिं शङ्करभूषणः ॥3॥
मध्यं पातु सुरश्रेष्ठः कटिं पातु सुधाकरः ।
ऊरू तारापतिः पातु मृगाङ्को जानुनी सदा ॥4॥
अब्धिजः पातु मे जङ्घे पातु पादौ विधुः सदा ।
सर्वाण्यन्यानि चाङ्गानि पातु चन्द्रोखिलं वपुः ॥5॥
फलश्रुतिः
एतद्धि कवचं दिव्यं भुक्ति मुक्ति प्रदायकम् ।
यः पठेच्छृणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत् ॥6॥
॥ इति श्रीचन्द्र कवचं सम्पूर्णम् ॥
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार नियमित रूप से Chandra Kavach का जाप करना भगवान को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने का सबसे शक्तिशाली तरीका है