सूर्य कवच एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जो भगवान सूर्य की कृपा और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। “कवच” का अर्थ है “रक्षा कवच,” जो व्यक्ति को रोग, भय, और नकारात्मकता से सुरक्षित रखता है।
भगवान सूर्य, जिन्हें स्वास्थ्य, ऊर्जा, और सफलता का प्रतीक माना जाता है, इस कवच के पाठ से अपनी कृपा बरसाते हैं। इसका नियमित पाठ करने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक बल, सफलता, और समृद्धि प्राप्त होती है। विशेष रूप से रविवार के दिन इसका पाठ करना अत्यंत फलदायी माना गया है।
सूर्य कवच
II अथश्रीसूर्यकवचस्तोत्रम् II
श्री गणेशाय नमः I
याज्ञवल्क्य उवाच I
श्रुणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम् I
शरीरारोग्यदं दिव्यं सर्व सौभाग्यदायकम् II १ II
दैदिप्यमानं मुकुटं स्फ़ुरन्मकरकुण्डलम् I
ध्यात्वा सहस्रकिरणं स्तोत्रमेतदुदीरयेत् II २ II
शिरो मे भास्करः पातु ललाटे मेSमितद्दुतिः I
नेत्रे दिनमणिः पातु श्रवणे वासरेश्वरः II ३ II
घ्राणं धर्म धृणिः पातु वदनं वेदवाहनः I
जिह्वां मे मानदः पातु कंठं मे सुरवंदितः II ४ II
स्कंधौ प्रभाकरं पातु वक्षः पातु जनप्रियः I
पातु पादौ द्वादशात्मा सर्वागं सकलेश्वरः II ५ II
सूर्यरक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्जपत्रके I
दधाति यः करे तस्य वशगाः सर्वसिद्धयः II ६ II
सुस्नातो यो जपेत्सम्यक् योSधीते स्वस्थ मानसः I
स रोगमुक्तो दीर्घायुः सुखं पुष्टिं च विंदति II ७ II
II इति श्री माद्याज्ञवल्क्यमुनिविरचितं सूर्यकवचस्तोत्रं संपूर्णं II
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार नियमित रूप से श्री सूर्य कवच का जाप करना भगवान शनि को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने का सबसे शक्तिशाली तरीका है