April 26, 2025

Latest Posts

श्री लड्डू गोपाल चालीसा Shri Laddu Gopal Chalisa

श्री लड्डू गोपाल चालीसा हिंदी

श्री लड्डू गोपाल चालीसा भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप, लड्डू गोपाल की स्तुति और महिमा का वर्णन करती है। इस चालीसा में चौपाइयों के माध्यम से श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, उनके अद्भुत रूप, उनके भक्तों पर कृपा और उनकी दिव्य महिमा का वर्णन किया गया है।

यह चालीसा न केवल भक्तों को आध्यात्मिक सुख प्रदान करती है, बल्कि उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने में सहायक होती है। श्री लड्डू गोपाल चालीसा पाठ, न केवल भौतिक सुख देता है, बल्कि आत्मा को भी परम शांति प्रदान करता है।

—|| दोहा ||—

श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल।
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ।।

—॥ चौपाई ॥—

जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी।
जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै।।१।।

श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग हलधर भ्राता ।
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये, नन्द भवन मे बजत बधाये ।।२।।

जो विष देन पूतना आई, सो मुक्ति दै धाम पठाई ।
तृणावर्त राक्षस संहारयौ, पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ ।।३।।

खेल खेल में माटी खाई, मुख मे सब जग दियो दिखाई ।
गोपिन घर घर माखन खायो, जसुमति बाल केलि सुख पायो ।।४।।

ऊखल सों निज अंग बँधाई, यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई ।
बका असुर की चोंच विदारी, विकट अघासुर दियो सँहारी ।।५।।

ब्रह्मा बालक वत्स चुराये, मोहन को मोहन हित आये ।
बाल वत्स सब बने मुरारी, ब्रह्मा विनय करी तब भारी ।।६।।

काली नाग नाथि भगवाना, दावानल को कीन्हों पाना ।
सखन संग खेलत सुख पायो, श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो ।।७।।

चीर हरन करि सीख सिखाई, नख पर गिरवर लियो उठाई ।
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों, राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों ।।८।।

नन्दहिं वरुण लोक सों लाये, ग्वालन को निज लोक दिखाये ।
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई, अति सुख दीन्हों रास रचाई ।।९।।

अजगर सों पितु चरण छुड़ायो, शंखचूड़ को मूड़ गिरायो ।
हने अरिष्टा सुर अरु केशी, व्योमासुर मार्यो छल वेषी ।।१०।।

व्याकुल ब्रज तजि मथुरा आये, मारि कंस यदुवंश बसाये ।
मात पिता की बन्दि छुड़ाई, सान्दीपन गृह विघा पाई ।।११।।

पुनि पठयौ ब्रज ऊधौ ज्ञानी, पे्रम देखि सुधि सकल भुलानी ।
कीन्हीं कुबरी सुन्दर नारी, हरि लाये रुक्मिणि सुकुमारी ।।१२।।

भौमासुर हनि भक्त छुड़ाये, सुरन जीति सुरतरु महि लाये ।
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे, खग मृग नृग अरु बधिक उधारे ।।१३।।

दीन सुदामा धनपति कीन्हों, पारथ रथ सारथि यश लीन्हों ।
गीता ज्ञान सिखावन हारे, अर्जुन मोह मिटावन हारे ।।१४।।

केला भक्त बिदुर घर पायो, युद्ध महाभारत रचवायो ।
द्रुपद सुता को चीर बढ़ायो, गर्भ परीक्षित जरत बचायो ।।१५।।

कच्छ मच्छ वाराह अहीशा, बावन कल्की बुद्धि मुनीशा ।
ह्वै नृसिंह प्रह्लाद उबार्यो, राम रुप धरि रावण मार्यो ।।१६।।

जय मधु कैटभ दैत्य हनैया, अम्बरीय प्रिय चक्र धरैया ।
ब्याध अजामिल दीन्हें तारी, शबरी अरु गणिका सी नारी ।।१७।।

गरुड़ासन गज फन्द निकन्दन, देहु दरश धु्रव नयनानन्दन ।
देहु शुद्ध सन्तन कर सग्ड़ा, बाढ़ै प्रेम भक्ति रस रग्ड़ा ।।१८।।

देहु दिव्य वृन्दावन बासा, छूटै मृग तृष्णा जग आशा ।
तुम्हरो ध्यान धरत शिव नारद, शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद ।।१९।।

जय जय राधारमण कृपाला, हरण सकल संकट भ्रम जाला ।
बिनसैं बिघन रोग दुःख भारी, जो सुमरैं जगपति गिरधारी ।।२०।।

जो सत बार पढ़ै चालीसा, देहि सकल बांछित फल शीशा ।।

—।। छन्द।।—

गोपाल चालीसा पढ़ै नित, नेम सों चित्त लावई ।
सो दिव्य तन धरि अन्त महँ, गोलोक धाम सिधावई ।।___१

संसार सुख सम्पत्ति सकल, जो भक्तजन सन महं चहैं ।
ट्टजयरामदेव’ सदैव सो, गुरुदेव दाया सों लहैं ।।___२

—|| दोहा ||—

प्रणत पाल अशरण शरण, करुणा-सिन्धु ब्रजेश ।
चालीसा के संग मोहि, अपनावहु प्राणेश ।।

श्री लड्डू गोपाल चालीसा का पाठ करने का सही तरीका 

श्री लड्डू गोपाल चालीसा का पाठ करने से पहले आपको बहुत सी बातों का ध्यान रखना होगा सबसे पहले जिस दिन आप लड्डू गोपाल की चालीसा का पाठ करे उस दिन आपको सूर्योदय से पहले उठना होगा फिर नित्य क्रिया करने के बाद स्नान करे और स्वच्छ कपड़े पहने। फिर एक लौटे में जल लेकर सूर्य देवता को अर्पित करे।

लड्डू गोपाल की मूर्ती की स्थापना करने से पहले श्री गणेश जी की मूर्ती की स्थापना करे। फिर एक दीपक जला कर रखे जो कि शुद्ध देसी घी का होना चाहिए। अब अपना आसान लगा कर सबसे पहले गणेश जी की आरती करे। फिर गणेश जी को भोग लगाए और फिर लड्डू गोपाल जी को भोग लगाए। यदि आप लड्डू गोपाल जी को छप्पन भोग लगाना चाहते है तो आप उनको छप्पन भोग लगाए। उसके बाद आप लड्डू गोपाल चालीसा का पाठ करे।

श्री लड्डू गोपाल चालीसा के लाभ

श्री लड्डू गोपाल चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है। यह चालीसा मन को शांति प्रदान करती है और तनाव को दूर करती है। इसे श्रद्धा और भक्ति से पढ़ने पर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। भक्तों को सुख-समृद्धि, मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

यह चालीसा बच्चों के स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। भगवान श्रीकृष्ण के बालरूप की आराधना से भक्तों को प्रेम, भक्ति और आनंद की अनुभूति होती है।

Shri Laddu Gopal Chalisa Hindi Lyrics को हमने ध्यान पूर्वक लिखा है, फिर भी इसमे किसी प्रकार की त्रुटि दिखे तो आप हमे Comment करके या फिर Swarn1508@gmail.com पर Email कर सकते है।

Latest Posts

spot_imgspot_img

Aarti

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.