Skandamata Aarti

Maa Skandamata Mantra – स्कंदमाता मंत्र

स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम दिया गया है। भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं। भगवान शिव की अर्द्धांगिनी के रूप में मां ने स्‍वामी कार्तिकेय को जन्‍म दिया था। स्‍वामी कार्तिकेय का दूसरा नाम स्‍कंद है, इसलिए मां दुर्गा के इस रूप को स्‍कंदमाता कहा गया है। जो कि प्रेम और वात्‍सल्‍य की मूर्ति हैं।

मां स्‍कंदमाता का पूजा मंत्र

सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां स्कंदमाता का मंत्र

मां स्कंदमाता का वाहन सिंह है। इस मंत्र के उच्चारण के साथ मां की आराधना की जाती है। 
ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥
संतान प्राप्ति हेतु जपें स्कन्द माता का मंत्र
मां ज्ञान, इच्‍छाशक्ति, और कर्म का मिश्रण हैं। जब शिव तत्‍व का शक्ति के साथ मिलन होता है तो स्‍कंद यानी कि कार्तिकेय का जन्‍म होता है। पंचमी तिथि की अधिष्ठात्री देवी स्कन्द माता हैं। जिन व्यक्तियों को संतानाभाव हो, वे माता की पूजन-अर्चन तथा मंत्र जप कर लाभ उठा सकते हैं। मंत्र अत्यंत सरल है –
‘ॐ स्कन्दमात्रै नम:।।’
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

Maa Skandamata Mantra को हमने ध्यान पूर्वक लिखा है, फिर भी इसमे किसी प्रकार की त्रुटि दिखे तो आप हमे Comment करके या फिर Swarn1508@gmail.com पर Email कर सकते है। 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top