kuber mantra

श्री कुबेर आरती – Shri Kuber Aarti

भगवान कुबेर धन और समृद्धि के देवता माने जाते हैं। उनकी आरती, “जय कुबेर जगत के रक्षक,” का नियमित गायन धन-धान्य, ऐश्वर्य और समृद्धि का आशीर्वाद देता है। कुबेर भगवान की आराधना से आर्थिक कठिनाइयों का समाधान होता है और जीवन में स्थिरता आती है।

भगवान कुबेर आरती का गायन विशेष रूप से धनतेरस, दीपावली और अन्य शुभ अवसरों पर किया जाता है। यह आरती न केवल भौतिक धन की प्राप्ति में मदद करती है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करती है।

कुबेर मंत्र

  1. ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
  2. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
  3. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे ।
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करें ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने ।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।
अपने भक्त जनों के,
सारे काम संवारे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले ।
अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

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कुबेर आरती के लाभ

कुबेर आरती का नियमित पाठ करने से गरीबी और कर्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। कुबेर भगवान को प्रसन्न करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर का वातावरण सकारात्मक बनता है।

यह आरती व्यापार और वित्तीय मामलों में सफलता प्राप्त करने के लिए अत्यधिक प्रभावशाली है। कुबेर की कृपा से व्यक्ति के जीवन में धन का संचय होता है और आर्थिक उन्नति के नए मार्ग खुलते हैं। आरती परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने में भी सहायक होती है।

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