shri shani dev chalisa

श्री शनि देव जी की आरती – Shani Dev ki Aarti

शनि देव की आरती शनिदेव की पूजा का एक प्रमुख अंग है, जिसे भक्तजन विशेष रूप से शनिवार के दिन श्रद्धापूर्वक गाते हैं। शनि देव को न्याय के देवता माना जाता है, जो मनुष्यों के कर्मों का फल प्रदान करते हैं।

श्री शनि देव जी की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।

सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥जय.॥

श्याम अंक वक्रदृष्ट चतुर्भुजा धारी।

नीलाम्बर धार नाथ गज की अ सवारी॥जय.॥

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी।

मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥जय.॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।

लोहा तिल तेल उड़द महिषी अतिप्यारी॥जय.॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी।

विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥जय.॥

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शनि देव की आरती के लाभ

“जय शनि देवा, मंगल कर देवा” आरती में शनि देव की महिमा, उनकी शक्ति और कृपा का गुणगान किया जाता है। इस आरती के माध्यम से भक्त शनि देव से अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना करते हैं, साथ ही उनके कोप से बचने और अनुग्रह प्राप्त करने की कामना करते हैं।

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