शाबर मंत्र भारतीय तांत्रिक परंपरा का एक प्राचीन और रहस्यमय मंत्र है, जो साधारण भाषा में होते हुए भी अत्यधिक प्रभावी और शक्तिशाली माना जाता है। यह मंत्र ग्रामीण और लोक साधकों द्वारा उपयोग किया जाता है, और इसकी उत्पत्ति गुरु गोरखनाथ और उनके शिष्यों से जुड़ी मानी जाती है।
शाबर मंत्र विभिन्न उद्देश्यों के लिए प्रयोग किए जाते हैं, जैसे रोगों का उपचार, शत्रु नाश, तंत्र-मंत्र से सुरक्षा, और जीवन में समृद्धि प्राप्त करना।
“ॐ गुरुजी, सत नमः आदेश।
गुरुजी को आदेश।
ॐकारे शिव-रुपी, मध्याह्ने हंस-रुपी, सन्ध्यायां साधु-रुपी।
हंस, परमहंस दो अक्षर। गुरु तो गोरक्ष, काया तो गायत्री।
ॐ ब्रह्म, सोऽहं शक्ति, शून्य माता, अवगत पिता, विहंगम जात, अभय पन्थ, सूक्ष्म-वेद, असंख्य शाखा, अनन्त प्रवर, निरञ्जन गोत्र, त्रिकुटी क्षेत्र, जुगति जोग, जल-स्वरुप रुद्र-वर्ण।
सर्व-देव ध्यायते।
आए श्री शम्भु-जति गुरु गोरखनाथ।
ॐ सोऽहं तत्पुरुषाय विद्महे शिव गोरक्षाय धीमहि तन्नो गोरक्षः प्रचोदयात्।
ॐ इतना गोरख-गायत्री-जाप सम्पूर्ण भया।
गंगा गोदावरी त्र्यम्बक-क्षेत्र कोलाञ्चल अनुपान शिला पर सिद्धासन बैठ।
नव-नाथ, चौरासी सिद्ध, अनन्त-कोटि-सिद्ध-मध्ये श्री शम्भु-जति गुरु गोरखनाथजी कथ पढ़, जप के सुनाया। सिद्धो गुरुवरो, आदेश-आदेश।।”
शाबर मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक समस्याओं का समाधान होता है, और उसे सुरक्षा और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है। इस मंत्र का प्रभाव त्वरित और सीधे जीवन की समस्याओं पर पड़ता है।
शाबर मंत्रों को उनकी सरलता, सहजता और प्रभावशीलता के कारण अत्यंत लोकप्रिय माना जाता है, लेकिन इनका प्रयोग गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए, ताकि इसका सही उपयोग और प्रभाव सुनिश्चित हो सके।
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शाबर मंत्र का जाप कैसे करें
सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको सुबह-सुबह स्नान करने के बाद गुरु गोरखनाथ की मूर्ति या तस्वीर के सामने शाबर मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले शाबर मंत्र का अर्थ हिंदी में समझना चाहिए।