राहु मंत्र का जाप राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए किया जाता है। राहु को छाया ग्रह माना जाता है, जो कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार जीवन में विपरीत परिस्थितियाँ और चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकता है।
“ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” राहु मंत्र का उच्चारण राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और जीवन में शांति, समृद्धि, और सुरक्षा लाने के लिए किया जाता है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में राहु ग्रह से संबंधित समस्याओं का निवारण होता है, और मानसिक शांति तथा आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।
Rahu Beej Mantra | राहु बीज मंत्र
ऊँ ऎं ह्रीं राहवे नम:
Aum rahave namah
Rahu Tantrik Mantra | राहु तांत्रिक मंत्र
ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
Om bhraam bhreem bhraum sah rahave namah
Rahu Gayatri Mantra | राहु गायत्री मंत्र
ॐ नीलवर्णाय विद्महे सैंहिकेयाय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात्।
राहु का वैदिक मंत्र | Rahu Vedic Mantra
ऊँ कयानश्चित्र आभुवदूतीसदा वृध: सखा. कयाशश्चिष्ठया वृता
राहु का पौराणिक मंत्र
ऊँ अर्धकायं महावीर्य चन्द्रादित्यविमर्दनम.
सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम ..
Rahu Shanti Mantra | राहु शांति मंत्र
Om Rahuve Devaye Shaantim,
Rahuve Kripaaye Karoti,
Rahuaaye chamaaye abhilaashat,
Om Rahuve Namoh Namah
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार नियमित रूप से Rahu Mantra का जाप देवी कात्यायनी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने का सबसे शक्तिशाली तरीका है।
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