गोवर्धन पूजा मंत्र भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन पर्वत लीला का स्मरण और आराधना करने का एक पवित्र साधन है। गोवर्धन पूजा दीवाली के अगले दिन मनाई जाती है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के क्रोध से बचाने की कथा का पूजन होता है। इस मंत्र का जाप गोवर्धन पूजा के समय किया जाता है।
गोवर्धन-पूजा मंत्र
लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।
घृतं वहति यज्ञार्थ मम पापं व्यपोहतु।।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार नियमित रूप से गोवर्धन पूजा मंत्र का जाप भगवान गोवर्धन को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने का सबसे शक्तिशाली तरीका है।
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गोवर्धन पूजा मंत्र का जाप कैसे करें
सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको सुबह-सुबह स्नान करने के बाद और भगवान गोवर्धन की मूर्ति या तस्वीर के सामने गोवर्धन पूजा मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले गोवर्धन पूजा मंत्र का हिंदी में अर्थ समझना चाहिए।
गोवर्धन पूजा मंत्र के लाभ
गोवर्धन पूजा मंत्र का नियमित जाप मानसिक शांति देता है और आपके जीवन से सभी बुराइयों को दूर रखता है और आपको स्वस्थ, समृद्ध और समृद्ध बनाता है।