January 18, 2025

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श्री बृहस्पति देव की आरती – Shri Brihaspati Dev Ki Aarti

बृहस्पति देव की आरती एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो विशेष रूप से बृहस्पतिवार (गुरुवार) को की जाती है। बृहस्पति देव, जिन्हें गुरु देव भी कहा जाता है, देवताओं के गुरु और ज्ञान, शिक्षा, और बुद्धि के देवता माने जाते हैं।

श्री बृहस्पति देव की आरती

जय वृहस्पति देवा,
ऊँ जय वृहस्पति देवा।
छिन छिन भोग लगा‌ऊँ,
कदली फल मेवा॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर,
तुम सबके स्वामी॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा॥

चरणामृत निज निर्मल,
सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक,
कृपा करो भर्ता॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा॥

तन, मन, धन अर्पण कर,
जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर,
आकर द्घार खड़े॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा॥

दीनदयाल दयानिधि,
भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता,
भव बंधन हारी॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा॥

सकल मनोरथ दायक,
सब संशय हारो।
विषय विकार मिटा‌ओ,
संतन सुखकारी॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा॥

जो को‌ई आरती तेरी,
प्रेम सहित गावे।
जेठानन्द आनन्दकर,
सो निश्चय पावे॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा॥

सब बोलो विष्णु भगवान की जय।
बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय॥

*****

बृहस्पति देव की आरती के लाभ

उनकी आरती करने से जीवन में शुभता, समृद्धि, और ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह आरती बृहस्पति देव को समर्पित होती है और इसमें उनकी महिमा, उनके गुणों और कृपा की स्तुति की जाती है।
बृहस्पति देव की आरती करने से ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह आरती गुरुवार के दिन विशेष रूप से की जाती है, जिससे जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। बृहस्पति देव की कृपा से बाधाएं दूर होती हैं और शिक्षा, करियर व परिवार में उन्नति होती है।

Shri Brihaspati Dev Ki Aarti को हमने ध्यान पूर्वक लिखा है, फिर भी इसमे किसी प्रकार की त्रुटि दिखे तो आप हमे Comment करके या फिर Swarn1508@gmail.com पर Email कर सकते है।

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