सरस्वती मंत्र देवी सरस्वती की आराधना का एक महत्वपूर्ण साधन है, जिन्हें ज्ञान, विद्या, संगीत, और कला की देवी माना जाता है। “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, और विद्या की प्राप्ति होती है। देवी सरस्वती की कृपा से विद्यार्थी, कलाकार, और विद्वान अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं।
सरस्वती मंत्र का नियमित जाप करने से स्मरण शक्ति, एकाग्रता, और मन की शांति बढ़ती है। यह मंत्र साधक के जीवन में विद्या, रचनात्मकता, और मानसिक शांति का संचार करता है, जिससे व्यक्ति जीवन में सफलता और सम्मान प्राप्त करता है। देवी सरस्वती का आशीर्वाद जीवन में ज्ञान के प्रकाश का प्रतीक है, जो अज्ञान के अंधकार को दूर कर प्रगति और विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।
Devi Saraswati Moola Mantra
om sum saraswathaye namah
ॐ सं सरस्वथाये नमः
Saraswati Mantra
ॐ वागीश्वर्यै विद्महे वाग्वादीन्ये दीमहे तन्नः सरस्वती
प्रचोदयात
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवः सदा पूजिता
सा मां पातु सरस्वति भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥१॥
दोर्भिर्युक्ता चतुर्भिं स्फटिकमणिनिभैरक्षमालान्दधान
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार नियमित रूप से सरस्वती मंत्र का जाप देवी सरस्वती को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने का सबसे शक्तिशाली तरीका है।
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सरस्वती मंत्र का जाप कैसे करें
सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको सुबह-सुबह स्नान करने के बाद और देवी सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर के सामने सरस्वती मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आपको सबसे पहले सरस्वती मंत्र का अर्थ हिंदी में समझना चाहिए।